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इतिहास / मंदसौर में शिवना नदी के किनारे हैं प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर जाने क्या है महिमा

मंदसौर में शिवना नदी के किनारे हैं प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर जाने क्या है महिमा
लेख - प्रकाश सिसौदिया June 26, 2021 11:07 PM IST Views : 619

 

 

अष्टमुखी पशुपतिनाथ का मंदिर {मंदसौर}

■सावन में लगता है भक्तों का मेला

■मंदसौर में शिवना नदी के किनारे हैं प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में शिवना नदी के तट पर भगवान पशुपतिनाथ की प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर में अष्टमुखी शिवलिंग की पूजा होती है. भगवान शिव के 8 मुख, जीवन की 4 अवस्थाओं का वर्णन करते हैं. पूर्व का मुख बाल्यवस्था का, दक्षिण का मुख किशोरावस्था का, पश्चिम का मुख युवावस्था और उत्तर का मुख प्रौढ़ा अवस्था के रूप में दिखाई देता है. यहां ऐसी मान्यता है कि अष्टमुखी पशुपतिनाथ के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है ।

 

ऐसे मिले थे अष्टमुखी महादेव-

गौरतलब है कि 19 जून 1940 को शिवना नदी से इस अष्टमुखी शिवलिंग को निकाला गया था, 21 साल तक भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा नदी के तट पर ही रखी रही । बताया जाता है कि शिवलिंग को सबसे पहले कालूजी धोबी के पुत्र उदाजी ने शिवना नदी में देखा था. लोगों का कहना है कि उदाजी धोबी इसी मूर्ति पर कपड़े धोते थे. उन्हें सपना आया कि जिस पत्थर पर वह कपड़े धोते हैं वह स्वयं भगवान पशुपतिनाथ है. उदाजी के कहे अनुसार उक्त स्थान की खुदाई करने के बाद भगवान की अष्ट मुखी प्रतिमा मिली थी ।

 

सावन के महीने में अष्टमुखी पशुपतिनाथ मंदिर में लगा रहता है भक्तों का तांता-

शिवलिंग के आठों मुखों का नामांकरण भगवान शिव के अष्ट तत्व के अनुसार किए गए हैंं. 1- शर्व, 2 - भव, 3 - रुद्र, 4 - उग्र, 5 - भीम, 6 - पशुपति, 7 - ईशान और 8 महादेव के रूप में पूजे जाते हैं । श्रावण महीने में यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है. लोगों का मानना है कि भक्तिभाव से पूजा के साथ मनोकामनाभिषेक करने पर भगवान शिव सभी मनोकामनाएं करते हैं । भक्तों का मानना है कि अष्टमुखी शिवलिंग के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है ।

क्या कहते हैं इतिहासकार-

इतिहासकारों की माने तो इस शिवलिंग का निर्माण विक्रम संवत 575 ई. के आसपास सम्राट यशोधर्मन के काल में हुआ होगा । जिसे संभवत: मूर्तिभंजकों से बचाने के लिए इसे शिवना नदी में बहा दिया गया होगा । कलाकार ने प्रतिमा के ऊपर के चार मुख पूरी तरह बना दिए थे, जबकि नीचे के चार मुख निर्माणाधीन थे । मंदसौर के पशुपतिनाथ की तुलना काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ से की जाती है । मंदसौर स्थित पशुपतिनाथ प्रतिमा अष्टमुखी है, जबकि नेपाल स्थित पशुपतिनाथ चारमुखी हैं. प्रतिमा में 8 मुखों के ऊपर शिवलिंग बना हुआ है । 

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