कभी भी टूट सकता है गांधी सागर बांध…..? केग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
मंदसौर:- मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की आखरी सीमा पर राजस्थान से सटे चंबल नदी पर बने एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की मानव निर्मित झील गांधी सागर बांध के जल भराव क्षेत्र में बड़े गड्ढे होने से गांधी सागर बांध को नुकसान पहुंच सकता है और वह कभी भी टूट सकता है…! ये खुलासा केक की रिपोर्ट में हुआ । भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 1960 में गांधी सागर बांध का निर्माण कराया गया था। केक की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है इसमें बताया गया है कि डाउनस्ट्रीम क्षेत्र सहित गांधी सागर बांध के जल भराव क्षेत्र में बड़े गड्ढे हो जाने से बांध को खतरा है। 12 साल पहले भी बांध का सर्वे हुआ था और उन्होंने भी बांध की मरम्मत करने हेतु सिफारिश की थी लेकिन आज तक सरकार द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। वर्ष 2019 में अत्यधिक वर्षा हो जाने के बाद गांधी सागर बांध से पहली बार बांध के ऊपर व पेन गैलरी से पानी ओवरफ्लो होकर झलक गया था उस समय भी बांध को खतरा हो गया था । अगर गांधी सागर बांध को नुकसान होता है तो उससे मध्य प्रदेश सहित राजस्थान की 30 से 40 लाख आबादी को खतरा होने की संभावना है। जिसमें सबसे पहले रावतभाटा, कोटा,सवाई माधोपुर, करौली,धौलपुर, श्योपुर ,मुरैना, भिंड में रहने वाले लोगों को सर्वाधिक खतरा है। समय रहते अगर सरकार ने बांध की मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया तो कई लोगों की जिंदगी को खतरा हो सकता है केक की रिपोर्ट सामने आने के बाद मध्य प्रदेश सरकार में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि वह जल्द ही अफसरों की बैठक बुलाएंगे और वस्तुस्थिति का आकलन करने हेतु एक तकनीकी टीम भी गांधी सागर भेजेंगे।